कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ तज्ञमज्ञान – पाथोधि – घटसंभवं, सर्वगं, सर्वसौभाग्यमूलं । भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ बिद्यावान गुनी अति चातुर। राम https://dominickkxhqj.wikiap.com/941615/shiv_chalisa_lyrics_in_english_with_meaning_things_to_know_before_you_buy